प्रेरणा (Motivation) का हमारे जीवन में होना बहुत जरुरी है। कोई भी व्यक्ति जब सफलता (Success) की ओर बढ़ता है तो जरुरी नहीं कि उसे सक्सेस आसानी से मिल जाए।
अपने Goal में सफल होने के लिए कोई व्यक्ति जो भी रास्ता चुनता है, उसे रास्ते में कठनाईयों (Problems) और चुनौतियों (Challenges) का सामना तो करना ही पड़ता है।
अब प्रश्न यह होता है कि सफलता के रास्ते में मिलने वाली कठनाईयों और चुनौतियों का सामना कोई व्यक्ति कैसे करे ताकि वह अपना लक्ष्य (Target) प्राप्त कर सके?
मेरे हिसाब से इस प्रश्न का जो सबसे सही उत्तर है, वह है– प्रेरणा (MOTIVATION)।
जी हाँ! Motivation ही वह चीज है जो हमें सफलता के रास्ते में आयीं कठनाईयों और चुनौतियों का सामना करने की हिम्मत (courage) देती है।
इसीलिए कहा गया है कि Motivation का हमारे जीवन में होना बहुत जरुरी होता है क्योंकि जब भी कोई व्यक्ति Motivate होता है तो उसके अंदर की ताकत अर्थात हिम्मत बहुत बढ़ जाती है।
या यह भी कह सकते हैं कि एक Motivated person के अंदर सफलता को पाने का जुनून (passion) पैदा हो जाता है और वह सफलता के रास्ते (way to success) में आने वाली हर बाधा हो बड़ी आसानी से हटाता हुआ अपनी मंजिल तक पहुंच ही जाता है।
अतः आपकी Life में मोटिवेशन का होना बहुत जरुरी है। जब हमारी जिंदगी के लिए Motivated होना इतना जरुरी है तो हमें Motivation के बारे में जानना बहुत जरुरी हो जाता है।
इसी बात को ध्यान में रखते हुए दोस्तों आज मैं आपको दो प्रकार के मोटिवेशन (Two types of motivation) के बारे में बताऊंगा। सफलता के रास्ते में आने वाली कठनाईयों और चुनौतियों से उबरने के लिए दोनों ही प्रकार के मोटिवेशन बहुत जरुरी होते हैं।
अतः सफलता तक पहुंचने में सहायता करने वाले दो प्रकार के मोटिवेशन यह होते हैं–
1- सकारात्मक प्रेरणा (Positive Motivation)
2- नकारात्मक प्रेरणा (Negative Motivation)
तो आइये दोस्तों जानते हैं कि सकारात्मक प्रेरणा और नकारात्मक प्रेरणा क्या होती हैं? (What are positive motivations and negative motivations?) और इनसे किस प्रकार कोई व्यक्ति सफलता प्राप्त कर सकता है–
1- सकारात्मक प्रेरणा (Positive Motivation)
जब भी हमारे सामने कोई ऐसी घटना हो या कोई ऐसी बात हो जो हमें खुशी या लक्ष्य को खोजने के लिए प्रोत्साहित करे तो समझ लेना चाहिए कि पॉजिटिव मोटिवेशन हमारे अंदर जन्म ले चुका है।
पॉजिटिव मोटिवेशन हमारे अंदर एक ऐसी ऊर्जा (Energy) का निर्माण करती है जो तब तक बार बार हमारे अंदर बनती है जब तक कि हमें वह खुशी या लक्ष्य नहीं मिल जाता जिसे हम खोज रहे थे।
हमारे अंदर Positive Motivation जन्म लेता है और उससे जो एनर्जी बनती है उसकी कई वजह हो सकती हैं–
1- किसी सफल व्यक्ति के द्वारा किये जाने वाले अच्छे कार्य,
2- किसी काम को पूरा करने के लिए दिया जाने वाला रिवार्ड,
3- किसी व्यक्ति द्वारा कहे गए सकारात्मक शब्द (positive words)
4- आपके अंदर की वह इच्छाएं (desires) जिनके पूरे होने पर आपको खुशी (Happiness) मिल सके।
यह सभी चीजें हमारे अंदर सकारात्मक ऊर्जा (positive energy) भर देती हैं जिसकी वजह से हम positively motivate हो जाते हैं।
आइये पॉजिटिव मोटिवेशन को मैं एक उदाहरण के द्वारा समझाता हूँ–
यदि किसी student से कहा जाये कि उसे रोज 4 घंटे study करनी है तो हो सकता है वह आपके बार बार कहने पर भी यह काम daily न करे। लेकिन यदि आप उससे कहें कि यदि वह दिन में 4 घंटे अपनी स्टडी पर ध्यान दे तो उसे रोज उसका मनपसंद गिफ्ट दिया जायेगा तो आप बता सकते हैं कि क्या होगा?
जी हाँ! अब वह स्टूडेंट रोज 4 घंटे स्टडी करेगा। ऐसा इसीलिए होगा क्योंकि हर रोज 4 घंटे study करने के बाद उसे उसका मनपसंद गिफ्ट अर्थात reward मिलेगा जिससे उसे बहुत खुशी मिलेगी। वह रोज इस खुशी को पाने के लिए 4 घंटे पढ़ाई करेगा। उसे मिलने वाला reward उसे प्रोत्साहित करेगा, उसे एनर्जी देगा, उसे positively motivate कर देगा।
2- नकारात्मक प्रेरणा (Negative Motivation)
Negative motivation से भी हमारे अंदर एक ऊर्जा का निर्माण होता है। यह ऐसी एनर्जी होती है जो हमें कुछ अच्छा करने को मजबूर कर देती है। नकारात्मक प्रेरणा हमारे अंदर एक दबाब बनाती है जिसे हम सकारात्मक दबाब (Positive pressure) भी कह सकते हैं।
हमारे अंदर बनने वाले इस positive pressure की कई वजहें हो सकती हैं–
1- हमारे अंदर एक ऐसा डर (Fear) का निर्माण होना जो हमें कुछ अच्छा करने के लिए हमारे ऊपर positive pressure बना सके,
2- किसी काम को न करने पर मिलने वाले दण्ड (punishment) का सकारात्मक दबाब,
3- किसी के द्वारा कहे गए ऐसे शब्द जो हमें गुस्सा (angry) दिला दें और यह गुस्सा हम पर कुछ अच्छा करने के लिए सकारात्मक दबाब बना दे,
4- असफलता का डर (Fear of failure) आदि
यह ऐसी घटनाएं या वजहें हैं जिनसे हम Negatively motivate होते हैं।
आइये मैं नकारात्मक प्रेरणा को एक उदाहरण के द्वारा समझाता हूँ–
जैसा कि ऊपर उदाहरण दिया गया था कि यदि किसी student से कहा जाये कि उसे रोज 4 घंटे study करनी है तो हो सकता है वह आपके बार बार कहने पर भी यह काम daily न करे।
अब यदि उस student से यह कहा जाये यदि उसने रोज 4 घंटे स्टडी नहीं की तो उसे 1 घंटे तक घर के बाहर खड़ा होने की सजा मिलेगी। साथ ही साथ यह भी कह दिया जाये कि स्टडी न होने की वजह से वह Fail हो जायेगा जबकि उसके दोस्त उससे आगे निकल जायेंगे। अब आप जानते हैं कि क्या होगा?
जी हाँ! उस स्टूडेंट के अंदर सजा मिलने और फेल होने का डर बन जायेगा जो उस पर 4 घंटे पढ़ाई करने का सकारात्मक दबाब डालेगा। अब 4 घंटे स्टडी करना उस स्टूडेंट की मजबूरी बन जाएगी जिसका बाद में Positive Result सामने आएगा।
सकारात्मक प्रेरणा बनाम नकारात्मक प्रेरणा– दोनों में से अच्छा कौन सा है?
Positive Motivation Vs Negative Motivation- Which one is Better
ज्यादातर लोग Positive Motivation के बारे में सोचते हैं और अपने target को achieve करने के लिए इसका प्रयोग करते हैं। लेकिन कुछ लोग Negative Motivation को भी बहुत अच्छा मानते हैं।
दोनों में से किसी एक का बेहतर होना इस बात पर निर्भर करता है कि इन दोनों में से किसका असर किसी व्यक्ति पर कैसा पड़ता है।
किसी व्यक्ति के लिए सकारात्मक प्रेरणा अच्छी होती है जबकि किसी दूसरे व्यक्ति के लिए नकारात्मक प्रेरणा अच्छी हो सकती है।
उदाहरण के लिए कोई ऐसा student होगा जो पॉजिटिव मोटिवेशन द्वारा 4 घंटे स्टडी कर सकता है जबकि कोई स्टूडेंट ऐसा भी होता है जिसे 4 घंटे स्टडी कराने के लिए नेगेटिव मोटिवेशन की जरुरत हो।
हो सकता है कि आपके लिए अपने goal तक पहुंचने के लिए Positive Motivation काम का हो या हो सकता है आपके लिए Negative Motivation काम का हो।
मेरे हिसाब से दोनों तरह की प्रेरणा अलग अलग व्यक्तियों, लक्ष्यों, स्थानों के लिए अलग अलग तरीके से काम करती हैं। दोनों तरह की मोटिवेशन की अपनी अपनी Importance होती है।
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Very good
Nice article sir.
Nice post bhai.
Motivational ke liye ye article bahut hi awesome hai aise hi article share karte hain aap 🙂
एक और बहुत ही बढ़िया article अमूल जी, Motivation तो दोनों ही बढ़िया होती है, लेकिन Negative Motivation इंसान में अलग ही जुनून भर देती है और यह challenging भी होती है।
रमेश को किसी ने कह दिया कि वह पढ़-लिख कर अच्छा काम करने के काबिल ही नही और न ही कभी हो पायेगा। लेकिन उसने इसी नकारत्मक बात को अपने दिल से लगा लिया और ठान लिया, अब कुछ करके ही दिखाना है और तब तक चैन की सांस नही लेनी जब तक कुछ बन न जाऊँ।
वैसे motivation तो दोनों ही इंसान को अच्छा ही बनाती है, सिर्फ motivate होने के और दिलो/दिमाग पर लगने की बात है।
कई कई नकारत्मक बातों से हताश भी हो जाते है,उनके लिए positive motivation ही काम कर पाट है।
आपने negative और positive motivation के बारे में बहुत अच्छे से समझाया है यह जरुर काम आयगी
Bahut hi achhi jankari share kiya hai apne Amul ji. Apke batane ka tarika sath me example dena jo kafi saral ho jata hai smjhne me. Very nice
very nice article written on motivation.. positive motivation so nessesary to get sucuess.. Thanx for sharing very good article..
Amul Ji Aapne Bahut Hi Achha Article Likha Hai, Negative And positive Par
अमूल जी… बहुत अच्छा आर्टिकल अापने पेश किया है। धन्यवाद