हिंदी कहानी : एकाग्रता की शक्ति
Moral Hindi Story : The Power of Concentration
The Power of Concentration :- अभिजीत ने कुछ समय पहले ही MBA किया था और उसे एक अच्छी जॉब की तलाश थी। तीन दिन पहले की ही बात है, उसने एक Job Interview दिया था और कल ही उसके पास उस कंपनी से Call आ गयी।
आज वह बहुत खुश था क्योंकि आज वह दिन है जब वह उस company को Join कर रहा है। बड़ी ही गर्मजोशी के साथ उसने अपनी जॉब शुरू की।
अभिजीत एक ईमानदार, हार्ड वर्किंग और अपनी जिम्मेदारियों को सही से निभाने वाला एक काबिल इंसान था। इसलिए कंपनी का मालिक अभिजीत को बहुत पसंद करता था।………
अभी कुछ ही दिन हुए उसे जॉब करते हुए कि उसका मन ऑफिस से ऊबने लगा। उसने देखा कि उसके सहयोगी अपने काम से मन चुराते थे। काम न करने का कोई न कोई बहाना बनाते रहते थे। कभी कभी वह एक दूसरे से अपने बॉस की बुराई करने में ही बहुत समय बिता देते थे।
इस तरह का वातावरण अभिजीत को पसंद नहीं आ रहा था। उसने महसूस किया कि यहाँ पर काम करने वाले लोगों की सोच अच्छी नहीं है।
क्योंकि वह खुद ऐसा कभी नहीं करता इसलिए उसे लगा कि उसके साथ कार्य करने वाले लोगों का लेवल अच्छा नहीं है।
यही सब सोचकर उसने जॉब छोड़ने का मन बना लिया और नौकरी छोड़ने की एप्लीकेशन के साथ अपने बॉस के ऑफिस में पहुँच गया।
बॉस ने उसकी एप्लीकेशन देखी और पूछा, “क्या बात है अभिजीत, जॉब क्यों छोड़ना चाहते हो?”
अभिजीत ने बॉस को पूरी बात बताई और बोला, “मैं ऐसे लोगों के साथ काम नहीं कर सकता। उन लोगों का Thinking Level बहुत नीचा है।”
बॉस ने कुछ देर सोचा और कहा, “यह तुम्हारी मर्जी है। चाहो तो जॉब छोड़ सकते हो लेकिन जॉब छोड़ने से पहले मैं आपको एक काम दूंगा। क्या तुम करना चाहोगे?”
अभिजीत ने रिप्लाई दिया, “क्यों नहीं सर, बताइये, क्या करना है।”
तभी बॉस एक पानी से भरा गिलास देते हुए अभिजीत से बोले, “तुम इस गिलास को लेकर अपने ऑफिस के दो चक्कर लगाओ और फिर मेरे पास आओ लेकिन एक बात ध्यान रखना गिलास में से एक बूँद भी पानी नीचे न गिरे।”
अभिजीत को यह काम बहुत अजीब लगा लेकिन वह वादा कर चुका था। फिर क्या था, अभिजीत उस पानी से भरे गिलास को लेकर ऑफिस के चक्कर लगाने लगा। जब दो चक्कर पूरे हो गए तो वह बॉस के ऑफिस में फिर पहुंचा और बॉस को इस बारे में बताया।
अब बॉस ने उससे प्रश्न पूछा, “क्या एक बूँद भी पानी नहीं गिरा?”
अभिजीत बोला, “बिलकुल नहीं सर! पर आपने ऐसा करने को क्यों कहा सर?”
बॉस ने फिर प्रश्न किया, “जब तुम पानी से भरे गिलास को लेकर ऑफिस में घूम रहे थे तो ऑफिस के लोग क्या कर रहे थे?”
अभिजीत ने कुछ सोचा और बोला, “सर, पता नहीं वह क्या कर रहे थे क्योंकि मेरा ध्यान गिलास के पानी पर था। मुझे लगता है सभी लोग उस समय अपना कार्य से कर रहे थे। कोई एक दूसरे से बात नहीं कर रहा था।”
तभी बॉस हँसकर बोले, “ऐसा नहीं है, सभी लोग वही कार्य कर कर रहे थे जिससे तुम्हे प्रॉब्लम होती है। लेकिन तुम्हारा ध्यान उस समय उन लोगों पर न होकर पानी से भरे गिलास पर था। जिसकी वजह से तुम अपना कार्य भी सही से कर पाए और लोगों की ओर तुम्हारा ध्यान भी नहीं गया।”
यह सुनकर अब अभिजीत भी मुस्कुरा रहा था।
बाद में बॉस बोले, “सोचो, यदि पानी से भरे गिलास की जगह तुम्हारा काम हो जो तुम ऑफिस में करते हो और तुम उस काम को यदि उसी एकाग्रता से करो जिस एकाग्रता से पानी से भरे गिलास को ले जा रहे थे तो तुम्हारा ध्यान लोगों की तरफ जायेगा ही नहीं।”
अभिजीत अभी भी मुस्कुरा रहा था। अब वह आगे बढ़ा और अपनी एप्लीकेशन उठाकर बॉस के केबिन से बाहर निकला और अपने काम में एकाग्रता से जुट गया।
Moral Of this Hindi Story : The Power of Concentration
दोस्तों, इस नैतिक हिंदी कहानी (Moral Hindi Story) से हमें जीवन की बहुत बड़ी शिक्षा (Life Lesson) मिलती है।
अधिकतर लोग जीवन में सफलता (Success in Life) केवल इसलिए प्राप्त नहीं कर पाते क्योंकि वह इधर उधर लोगों की बातों पर या अपने आसपास हो रही घटनाओं पर ही ध्यान लगाते रहते हैं और अपने कार्य में एकाग्रता (The Power of Concentration) नहीं ला पाते जबकि उनमे अपने कार्य को अच्छे से की योग्यता होती है।
अभिजीत एक योग्य युवक है लेकिन अपने सहयोगियों के कार्य और बातों की वजह से वह अच्छा महसूस नहीं कर पा रहा था और अपने कार्य पर भी एकाग्रता (Focus) नहीं ला पा रहा था।
लेकिन जैसे ही उसने एकाग्रता की शक्ति (Power of Concentration) को समझा, उसने अपने नौकरी छोड़ने के निर्णय को बदल दिया और अपने कार्य को एकाग्रता (Concentration in Work) से करने लगा।
अपने कार्य में एकाग्र (Concentrate) रहने से हमारा ध्यान इधर उधर नहीं भटक पाता और पूरा Focus काम पर होने से वह बहुत अच्छी तरह पूरा होता है।
एकाग्रता हमारे माइंड की वह शक्ति (The Power of Concentration) है जिसको हम यदि किसी काम पर केंद्रित करते हैं तो हमारे दिमाग की पूरी ऊर्जा उस कार्य को पूरा करने में जुट जाती है और वह कार्य पूर्ण होकर ही रहता है।
किसी ने सही कहा है कि– “एकाग्रता हमारे मस्तिष्क की वह शक्ति होती है जो सूर्य के समान होती है, जब वह एक जगह केंद्रित होती है तो चमक उठती हैं।”
दोस्तों! यह Best Moral Hindi Story आपको कैसी लगी? यदि यह Hindi Story on “The Power of Concentration” आपको अच्छी लगी तो आप इस हिंदी कहानी को Share कर सकते हैं।
इसके अतिरिक्त आप अपना Comment दे सकते हैं और हमें E.Mail भी कर सकते हैं।
यदि आपके पास Hindi में कोई Article, Inspiring story, Life Tips, Inspiring Poem, Hindi Quotes, Money Tips या कोई और जानकारी है और यदि आप वह हमारे साथ Share करना चाहते हैं तो कृपया उसे अपनी फोटो के साथ हमें E-mail करें। हमारी E.Mail Id है– [email protected] यदि आपकी Post हमें पसंद आती है तो हम उसे आपके नाम और फोटो के साथ अपने ब्लॉग पर Publish करेंगे। Thanks!
bahut hi sunder
Yes sir please thanks for sharing this story
wow thank you so much
one of the best moral stories thank sir providing these article
एक दम correct sir एकग्रता में बहुत ही ताकत है
पर अफसोस कि ये बहुत कम लोगो को पता है thanks sir for publish this type article