मैंने बहुत बार यह सुना है कि किसी भी व्यक्ति द्वारा कमाया हुआ पैसा (Money) उसे उसके जीवन में बहुत सी खुशियाँ (Happiness) दे सकता है।
अगर ऐसा है तो जो व्यक्ति लखपति (Lakhpati) है, वह अपने जीवन में खुश (Happy in life) जरूर होना चाहिए और जो व्यक्ति करोड़पति (Millionaire) है, वह अपनी लाइफ में और भी अधिक Happy होना चाहिए। यदि ऐसा है तो दुनिया में सबसे ज्यादा खुश वह लोग होने चाहिए जो अरबपति (Billionaire) हैं।
लेकिन दोस्तों! क्या यह बात सही है कि पैसा हमें खुशी देता है? (Money gives us happiness?)
क्या पैसा और जीवन में आने वाली खुशियों में कोई संबंध होता है? (What is a relation between money and happiness?)
इस बात में कितनी सत्यता है, इसके बारे में जानने के लिए मैंने अपने ही शहर के तीन लोगों को चुना।
पहले मैं एक ऐसे व्यक्ति से मिला जिसका नाम नरेश है, जिसकी monthly earning उसकी सामान्य जरूरतों (normal needs) से भी कम थी अर्थात एक normal life जीने के लिए आज जितने पैसों की जरुरत है, वह व्यक्ति उससे भी कम महीने में earn कर पाता है।
जब मैंने नरेश से पूछा कि क्या उसकी लाइफ में खुशियाँ हैं? तो सीधा सा उत्तर मिला, “अरे! हम लोग तो बहुत दुखी हैं, खुशियाँ हमारे जीवन में एक सपने जैसी ही हैं। खुशियाँ तो उन लोगों को मिल पाती हैं जिनके पास पैसा होता है।”
इस व्यक्ति से बात करके मुझे यह clear हो गया कि यदि किसी के भी जीवन में उसके सामान्य जरुरतों को पूरा करने लायक भी पैसा नहीं है तो वह happy नहीं रह सकता क्योंकि जिसको सुबह खाना खाने के बाद शाम के खाने की चिंता हो और जिसके पास अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा देने के लिए money ही न हों तो वह अपने जीवन में खुश रह ही नहीं सकता।
दोस्तों! अब मैं ऐसे व्यक्ति के पास गया जिसका नाम सुन्दर लाल है और जिसके पास बहुत सारा धन है। वह हमारे शहर का एक करोड़पति व्यक्ति (Millionaire person) है।
जब मैंने सुन्दर लाल से पूछा कि क्या उसकी लाइफ में खुशियाँ हैं? तो उसका उत्तर सुनकर मैं दंग रह गया। वह बोला, “हमारे पास पैसा तो बहुत है, कई बिज़नेस मैं करता हूँ लेकिन पता नहीं क्यों, मैं खुश नहीं रह पाता। सच कहूँ तो अच्छा परिवार और पैसा होने के बाद भी मेरे जीवन में खुशियाँ नहीं हैं।”
उसका यह उत्तर सुनकर मैं यह सोचने को मजबूर हो गया कि वह इतना पैसा होने के बाद भी खुश क्यों नहीं है, जबकि पैसा ख़ुशी देता है।
अब मैं सोचने लगा कि जिस व्यक्ति के पास अपने जीवन की सामान्य जरूरतों को पूरा करने के लिए भी पैसा नहीं है, वह यदि खुश नहीं है तो यह बात तो समझ आती है लेकिन जिसके पास उसकी जरुरत से कई गुना ज्यादा पैसा है, वह खुश नहीं है, यह बात समझ नहीं आती।
आखिर उस करोड़पति के पास पैसा होने के बाद भी ऐसी कौन सी चीज नहीं है जिसकी वजह से वह खुशियों भरा जीवन नहीं व्यतीत कर पा रहा है।
दोस्तों! इस बात को जानने के लिए मैं अपने शहर के एक ऐसे व्यक्ति के पास गया जिसका नाम प्रेम है और जिसके पास बहुत सा पैसा है। प्रेम जी से पूछने पर पता लगा कि वह अपने जीवन में बहुत खुश रहते हैं। अब मैं उस व्यक्ति के पास था जिसके पास पैसा भी था और जीवन में खुशियाँ भी थीं।
मैंने सोचा की इसके पास वह life secret है जो happy रहने के लिए बहुत जरुरी होता है। एक ही हफ्ते में मैं उससे 10 बार मिला और उसकी लाइफ को, उसके काम (work) को, उसके काम करने के तरीकों को और उसकी आदतों को बहुत अच्छी तरह जाना।
इन सभी बातों से अब मैं जान चुका हूँ कि एक खुशहाल जीवन (happy life) के लिए किन चीजों की जरुरत होती हैं। और मैं यह भी जान चुका हूँ कि पैसा और खुशियों में क्या संबंध होता है। यह सभी बातें मैं आपसे शेयर करना चाहता हूँ।
सबसे पहले मैं आपको चार बातें बताना चाहता हूँ जो मैंने Money और Happiness के बारे में सीखीं हैं—
1- सबसे पहली बात यह है कि दुनिया मे जो व्यक्ति अपनी सामान्य जरूरतों को पूरा करने लायक भी money earn नहीं कर पाता, वह सच में कभी खुश नहीं रह सकता। यहाँ मैं उन साधु संतों और विरले लोगों की बात नहीं कर रहा जो बिना पैसे के भी रह सकते हैं बल्कि मैं यहाँ सामान्य व्यक्ति (normal person) की बात कर रहा हूँ। इसका उदाहरण नरेश नाम का वह व्यक्ति है जिससे मैं सबसे पहली बार मिला था।
2- दूसरी बात यह कि जीवन में खुशियाँ पाने के लिए हमें इतना पैसा तो जरूर चाहिए जिससे हमारी जरूरतें पूरी हो सकें। उदाहरण के लिए, यदि आपको जीवन की सामान्य जरूरतों को पूरा करने के लिए 10,000 Rs. प्रत्येक महीने की जरुरत है तो आप 9,000 Rs. हर महीने कमाकर कभी खुश नहीं रह सकते।
3- तीसरी सबसे जरुरी बात यह है कि जरुरत से भी बहुत अधिक पैसा होना इस बात की गारन्टी नहीं है कि वह आपको जीवन में खुशियाँ दे सके। इसका उदाहरण वह दूसरा व्यक्ति है जिससे मैं मिला और जिसका नाम सुन्दर लाल है।
4- चौथी बात यह है कि बहुत से ऐसे लोग आपको मिल जायेंगे जिनके पास बहुत money है और जो बहुत happy भी रहते हैं। इसका सबसे अच्छा उदाहरण प्रेम जी हैं जिनसे मैं सबसे बाद मे मिला था और एक हफ्ते तक उनसे बार-बार मिला था ताकि उनके कुछ सीक्रेट मैं जान सकूँ और आपको बता सकूँ।
अब प्रश्न यह है कि सुन्दर लाल और प्रेम जी दोनों अमीर व्यक्ति (rich person) हैं, दोनों के पास अपनी सामान्य जरूरतों को पूरा करने के लिए जितना पैसा होना चाहिए, उससे बहुत अधिक पैसा है तो प्रेम जी के पास ऐसा क्या है जो वह खुश रहते हैं और सुन्दर लाल के पास ऐसा क्या नहीं है जिसके कारण वह खुश नहीं रहते???
इसका केवल एक ही उत्तर है और वह है– SELF DEVELOPMENT
जी हाँ! दोस्तों! सुन्दर लाल और प्रेम जी दोनों में केवल एक ही अंतर है। हमारा self development हमें जीवन को गहराई से समझने लायक बनाता है।
अर्थात खुश रहने के लिए इस दुनिया के किसी भी व्यक्ति के पास दो चीजें होना बहुत जरुरी हैं और वह हैं—
1- आपके पास कम से कम इतना पैसा जरूर हो जो आपकी basic needs को पूरा कर सके। आपकी monthly income कम से कम इतनी जरूर होनी चाहिए जो आजकल एक normal life जीने के लिए जरुरत है।
2- Minimum जरूरतों के लायक money earning होने के साथ ही साथ आपके पास कुछ ऐसी habits होनी चाहिए जिससे आपका self development होता रहे।
अगर यह दोनों चीजें आपके पास हैं तो आप इस दुनिया में धनवान भी कहे जायेंगे और खुश भी कहे जायेंगे।
यहाँ सेल्फ डेवलपमेंट का मतलब यह है कि आपके अंदर जीवन को सही से जानने की कितनी समझ है। आपके अंदर कुछ ऐसी आदतें (habits) होनी चाहिए जो आपको खुश होने की वजह देती हों। आपके अंदर की समझ इतनी गहरी होनी चाहिए कि अपने जीवन की हर घटना को आप सही तरह से समझ सके और उसके लिए आपका reaction हमेशा positive रह सके।
इस बात को मैं आपके लिए एक उदाहरण के द्वारा समझाना चाहता हूँ।
मान लीजिये आपको अपने घर में पानी के लिए जेट पंप लगवाना हो और आप चाहते हैं कि आपको बहुत शुद्ध पानी मिले तो आप क्या करेंगे?
सीधी सी बात है कि आप जेट पंप को जमीन में बहुत गहराई में लगवाएंगे क्योकि जिंतनी गहराई में आप पानी के लिए जमीन में खुदायी करेंगे, उतना ही pure water आपको मिलता चला जायेगा।
यदि आपने कम गहराई से पानी प्राप्त करना चाहा तो हो सकता है आपको हजारियों लीटर पानी मिल जाये जो आपकी जरुरत से बहुत ज्यादा होगा लेकिन आपको शुद्ध पानी नहीं मिल पायेगा।
यदि आपको pure water लेना है तो आपको गहराई बढ़ानी ही पड़ेगी। जमीन में जितनी गहराई में आप खुदायी करेंगे, उतना ही शुद्ध पानी आपको मिलता जायेगा। जब आपको प्योर वाटर मिलने लगे तो आप अपनी जरुरत के हिसाब से कितना भी पानी निकाल सकते हैं।
यहाँ इस बात का ध्यान देना बहुत जरुरी है कि आप कम गहराई में से भी हजारियों लीटर पानी प्राप्त कर सकते हैं और अधिक गहराई से भी हजारियों लीटर पानी प्राप्त कर सकते हैं। अंतर होगा तो सिर्फ शुद्धता का।
अब यदि आप अपने द्वारा कमाए गए पैसों की पानी से तुलना करें, जमीन की गहराई की अपने सेल्फ डेवलपमेंट से तुलना करें और पानी की शुद्धता को जीवन की खुशियों (happiness of life) से तुलना करें तो आपको लाइफ का सीक्रेट साफ़ समझ आ जायेगा।
अब आप चाहें तो इस उदाहरण को दुबारा पढ़िए, सभी बातें क्लियर हो जाएँगी।
इसका मतलब है कि यदि आपका Self Development बहुत कम भी हुआ है अर्थात आप जीवन की गहराई (The depth of life) को बहुत कम भी समझे हैं तब भी आप money तो बहुत earn कर सकते हैं लेकिन जीवन की बहुत कम समझ होने के कारण खुश (कम शुद्धता की वजह से) नहीं रह सकते।
यदि आपको अपने जीवन में अपार खुशियां प्राप्त करनी हैं तो आपको जीवन के प्रति अपनी समझ (Depth of life) को और अधिक बढ़ाना है। अर्थात आपको जीवन को जीने की जितनी अच्छी समझ होगी उतना ही आपका self development बढ़ेगा और जितना आपका सेल्फ डेवलपमेंट बढ़ेगा, उतनी ही अधिक आप खुश रह पाएंगे। अब आप चाहें तो अपनी जरुरत से ज्यादा जितना भी धन (पानी) कमाएं।
यह आपके जीवन की वह पोजीशन होगी जब आप Rich person भी बन सकते हैं और अपने जीवन में हजारों खुशियां (lots of happiness) भी प्राप्त कर सकते हैं।
दोस्तों! आजकल सुखी वही व्यक्ति है जो अपनी जरुरत के लायक या उससे अधिक पैसा हर महीने कमा रहा है और जीवन के प्रति उसकी समझ बहुत अच्छी है।
ऐसा व्यक्ति अपने से अधिक अमीर और सुखी व्यक्ति से ईर्ष्या नहीं रखता बल्कि उससे अच्छी बातों को सीखता है ताकि उस जैसा बन सके।
ऐसा व्यक्ति अपने से कम पैसे वालो और कम सुखी लोगों को छोटा नहीं समझता बल्कि उनको अपनी तरफ से हर संभव सहायता करता है ताकि उन्हें भी आगे बढ़ने का मौका मिले।
ऐसा व्यक्ति अपना एक Happiness zone बना लेता है ताकि वह खुश रह सके, उसका यह Happiness zone उसका वह level होता है जहाँ पर उसकी normal needs पूरी हो जाती हैं।
तो दोस्तों! आज से ही अपना सेल्फ डेवलपमेंट करना शुरू कर दीजिये। जीवन में जितनी मेहनत (hard work) हम पैसा कमाकर धनी बनने के लिए करते हैं, उतनी ही मेहनत अपने self development में कीजिये अर्थात जीवन की समझ को विकसित करने के लिए कीजिये ताकि आप खुश और सुखी रहना अच्छी तरह सीख सकें।
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शानदार article amul ji. मेरे हिसाब से जो प्रेम की लाइफ है वही असली लाइफ है। काफी अच्छी तरह से आपने बताया की पैसो के होते हुए भी कौन खुश रह सकता है। इतना पैसा कमाओ जहाँ आपकी जरूरते पूरा हो जाए फिर अपनी खुशियों पर ध्यान दे ।
Dhanyavad Surendra ji,…..sahi kaha aapne…..jitni jarurat ho utna paisa mil jaye to pyar ke alawa kisi cheej ki jarurat nahi hoti……
खुश रहने के लिए पैसे की जरुरत पे अपने बहुत ही अच्छा और प्रेरक लेख प्रस्तुत किया है. आभार!
अमूल जी, पैसा बहुत कुछ है लेकिन सब कुछ नहीं है। यही बात हमें समझनी चाहिये। सुन्दर प्रस्तुति।
bahut hi badiya post .. ajkal paisa hi sabkuch nhi hota aur paise ke bina bhi kuch nhi hota.
अमूल जी बिलकुल सही है , पैसे से खुस तो रहा जा सकता है लेकिन शुखी नही | thanks for sharing this type articles
Very logically written and analyzed. loved it.
Bahut Badiya post . aap regular post kiya kijiye. Jiven jine ki kala batai aap ne
खुश रहने के लिए सबसे पहले सेल्फ डेवलपमेंट होना जरूरी है उसकी कमी के बिना हम खुश नहीं रह सकते thanks amul ji….
Khush rahne ke liya paisa nahi samman aur pyar chahia…. behtarin prastuti hai
wakai me bahut behatreen lekh likha hai apne
jeewan me paise ki kitni ahamiyat hai – aur kitni khushi ki — isse saaf saaf andaja lagaya jaa sakta hai
Dhanyavad Pranav ji, khush rehne ke liye jarurat layak paisa bahut jaruri hai…..
बहुत बढ़िया लिखा आपने, अगर हम दुनियादारी में रहते है तो गुजारे जितना पैसा होना तो जरूरी है ही लेकिन पैसे से कभी ख़ुशी नहीं मिल सकती। पर अगर पैसे के साथ ख़ुशी भी चाहिए तो self control होना चाहिए मतलब कि उसका उसकी इच्छाओं पर काबू होना चाहिए।
बहुत बढ़िया…..
Dhanyavad Nikhil ji…..baat sahi hai ki paisa koi jitna chahe utna kamaye….lekin khush rehne ke liye self development bhi bahut jaruri hai…..
बहुत ही बेहतरीन किस्म का लेख प्रस्तुत किया है आपने। आपके द्धारा प्रस्तुत विषय पर लोगों के मन में पक्ष विपक्ष में गंभीर मतभेद हो सकते हैं। मेरी राय में खुुश रहने के लिए पैसा आवश्यक होता है और नहीं भी होता है। भाई खुश रहने के लिए जरूरतें पूरी करने लायक पैसा तो चाहिए ही।
Dhanyavad Jamshed ji, jo baat aapne kahi, vahi mene kehne ka pryas kiya hai…..shayad aapne post ko dhyan se read nahi kiya hai…..is post me kaha gaya hai ki bahut se ameer log khush nahi rehte….kyu? isi ka answer diya gaya hai….sath hi yeh bhi kaha gaya hai ki jiski minimum needs poori nahi hoti veh khush nahi reh sakta….
Thank you for posting A very good motivational articles, useful for all.
Keep it up sir.