छात्रों के लिए प्रेरणादायक कहानी
Inspirational Story For Students
सोमेश और पराग अच्छे दोस्त थे। कुछ समय पहले ही दोनों के पिता का ट्रांसफर एक अच्छे शहर में हुआ था। दोनों के पिता बैंक में जॉब करते थे और दोनों का परिवार एक ही कॉलोनी में रहता था। दोनों का शहर के अच्छे स्कूल में एडमिशन हो गया था।
सोमेश और पराग दोनों दोस्त तो थे लेकिन दोनों की आदतों (Habits) में बहुत बड़ा अंतर था।
सोमेश अपनी पढाई को लेकर बहुत सीरियस था, इसीलिए वह पढाई पर बहुत ध्यान देता था। वह स्कूल से अपने घर आता तो घर के कार्यों में हेल्प कर देता था।
उसके चाचा जी एक अच्छे businessman थे। सोमेश को बिज़नेस में बहुत रूचि थी तो वह कभी-कभी अपने चाचा जी के साथ रहकर उनकी business activities को देखता था ताकि बिज़नेस के बारे में कुछ सीख सके।
लेकिन पराग को पढाई में बहुत कम रूचि थी, उसका स्कूल से आने के बाद बाकी दिन खेलने, दोस्तों से गपशप करने और खाली बैठने में ही बीत जाता था।
स्कूल के बहुत से बच्चे पराग को ज्यादा पसंद करने लगे क्योकि वह स्कूल में खूब मौज मस्ती करता था। अपनी-अपनी आदतों की वजह से दोनों (सोमेश और पराग) के बीच दूरियाँ बढ़ती चली गयीं।
पराग और उसके दोस्त सोमेश की मजाक बनाने लगे थे। कभी-कभी वह सोमेश की मजाक बनाते समय कहते थे कि “यह तो हमेशा या तो पढता रहता है या फिर किसी और काम में लगा रहता है। अबे! यही करता कहेगा तो enjoyment कब करेगा।”
सोमेश उन्हें समझाने की कोशिश भी करता कि एन्जॉय तो कभी भी कर लेंगे लेकिन अभी तो career बनाना है लेकिन पराग और उसके दोस्त उस पर बहुत हंसते थे और कहते थे, “अबे! अभी से struggle (संघर्ष) करके क्या होगा। यह उम्र enjoyment की है। अभी लाइफ एन्जॉय नहीं करेगा तो क्या बूढ़े होकर करेगा। एन्जॉय कर एन्जॉय! बाद में तो जॉब करनी है। फिर समय कहाँ मिलेगा, तब तो लाइफ में struggle ही struggle होगा।”
लेकिन इतना सब होने के बाद भी सोमेश उन्हें समझाने के अलावा और कुछ नहीं कहता था।
ऐसे ही समय बीतता चला गया। सोमेश और पराग, दोनों की study पूरी हो चुकी थी। यह वह समय था जब सोमेश के पिता का ट्रांसफर किसी दूसरे शहर में हो गया और कुछ ही समय बाद पराग के पिता का भी ट्रांसफर किसी दूसरे नए शहर में हो गया। कुछ ही दिनों में दोनों एक दूसरे को भूल चुके थे।
समय की गति बहुत तेज होती है। 6 साल बाद एक घटना हुई। दिल्ली की एक बहुत बड़ी कंपनी की बिल्डिंग में एक नवयुवक ने बहुत ही तेजी के साथ कदम रखा। वह अंदर गया और एक कुर्सी पर बैठ गया। आज उसका जॉब के लिए इंटरव्यू था।
जैसे ही उसे बुलाया गया तो वह तुरंत उठा और interview room में चला गया। रूम में प्रवेश करते ही उसके कदम अचानक ही थम गए और वह चौक गया।
उसके सामने लगभग 10 लोग बैठे थे। ठीक बीच में लाल कुर्सी पर सफ़ेद कोट पहने एक बहुत ही Impressive person बैठा था।
इस सफेद कोट पहने हुए बंदे को देखते ही वह नवयुवक बोला, “अरे! सोमेश तुम! तुम यहाँ क्या कर रहे हो? क्या interview देने आये हो?”
सोमेश, जो कि सफेद कोट पहने हुए बैठा था, वह बोला, “ओह! तुम पराग हो न?”
इंटरव्यू देने आया नवयुवक बोला, “हाँ! मैं पराग हूँ और यहाँ इस कंपनी में जॉब के लिए interview देने आया हूँ। तुम यहाँ कैसे?”
सोमेश बोला, “नहीं! मैं interview देने नहीं आया हूँ बल्कि interview लेने आया हूँ क्योकि मैं इस कंपनी का मालिक हूँ।”
पराग की नजरें तुरंत झुक गयीं। माहौल शांत हो गया। वह मन ही मन सोचने लगा कि मैं जिसकी मजाक बनाता था वह आज इतनी बड़ी कंपनी का मालिक कैसे बन गया?
अब सोमेश ने पराग को देखकर कहा, “अगर तुम इंटरव्यू के लिए आये हो तो हमारे बोर्ड के लोग तुम्हारा इंटरव्यू जरूर लेंगे।”
अब बोर्ड के अन्य लोग पराग का इंटरव्यू लेने लगे। 5 मिनट बाद ही बोर्ड के लोगों ने पराग को reject कर दिया और कहा, “आपके पास जो डिग्री हैं, वह यह बताती हैं कि आपकी student life बहुत कमजोर रही है और आपके पास कोई job experience भी नहीं है, अतः हम आपको जॉब पर नहीं रख सकते।”
पराग तुरंत सोमेश की तरफ मुड़ा और सोमेश के सामने रोने सा मुँह बनाते हुए बोला, “मैं पिछले तीन साल से जॉब के लिए struggle कर रहा हूँ। बहुत सी कंपनी में इंटरव्यू दे चुका हूँ लेकिन सभी जगह rejection हो चुका है। तुम तो मेरे दोस्त रहे हो, कृपया मुझे नौकरी पर रख लो।”
सोमेश ने कुछ देर सोचा और बोला, “मेरी कंपनी की सफलता का राज यह है कि मेरे यहाँ जॉब करने वाले काबिल लोग हैं जो एक दूसरे के काम से मोटीवेट होकर और भी ज्यादा काम करते हैं। मैं नहीं चाहता कि उनके बीच कोई ऐसा व्यक्ति पहुँचे जो उन्हें खाली बैठने और मौज मस्ती करने को प्रेरित करे। अतः मैं तुम्हे जॉब पर नहीं रख सकता।”
बहुत दुखी होते हुए पराग बोला, “तो क्या मुझे अब कही जॉब नहीं मिलेगी? क्या मैं ऐसे ही जीवन भर संघर्ष (struggle) करता रहूँगा?”
तब सोमेश हलकी सी मुस्कराहट के साथ बोला, “यही जीवन का सच है मेरे दोस्त! मैंने अपनी student life में बहुत struggle किया ताकि मैं पूरी जिंदगी खुशहाली और मौज मस्ती से बिता सकूँ और एक सफल व्यक्ति कहा जाऊं। और तुमने अपनी student life मौज मस्ती और खेल में बिता दी। परिणाम तुम्हारे सामने है। अब तुम्हे जीवन भर struggle करना होगा। मैंने जो चुना, वह मुझे मिल रहा है और तुमने जो चुना, वह तुम्हे मिल रहा है।”
तभी पराग वहां से उठा और ऐसे चल दिया जैसे जीवन भर संघर्ष करने का वह संकल्प ले चुका हो।
कहानी से आपने क्या सीखा?
Moral Of This Story
दोस्तों! यह एक कहानी (story) ही नहीं बल्कि जीवन की सच्चाई (truth of life) भी है जो हमें जीवन का यह सन्देश देती है कि–
“या तो जीवन में उस समय जब आप student हो, तब struggle कर लो ताकि बाद में फिर पूरी जिंदगी मौज मस्ती के साथ खुशहाल और सफल जीवन (Happy and successful life) व्यतीत कर सको या फिर जीवन में उस समय जब आप student हो, तब मौज मस्ती और आनंद ले लो और बाद में जीवन भर संघर्ष करते रहो।”
चुनाव आपके हाथ में है। आप जिसे चाहो चुन सकते हो। अगर आप चाहो तो सोमेश बन सकते हो और यदि आप चाहो तो पराग बन सकते हो। बताओ! आप क्या बनना चाहते हो? सोमेश या पराग?
दोस्तों! यह सभी जानते हैं कि किसी भी इमारत की लाइफ इस बात पर निर्भर नहीं करती कि वह कितनी मंजिल की बनी है बल्कि इस बात पर निर्भर करती है कि उसकी नींव (foundation) कितनी मजबूत है।
किसी की भी student life उसकी नींव ही तो होती है। और यदि नींव मजबूत (strong) है तो आप उस पर कितनी भी बड़ी बिल्डिंग बना सकते है अर्थात कितनी भी बड़ी सफलता (Big success) उस नींव के सहारे प्राप्त की जा सकती है। लेकिन यदि नींव ही कमजोर है तो बिल्डिंग का भरभरा कर गिरना तो लगभग तय ही है।
अतः दोस्तों! आज का life message वैसे तो सभी के लिए है लेकिन specially यह youth और student के लिए है जो अपने जीवन के उस मोड़ पर हैं जहाँ उनके जीवन की नींव तैयार हो रही है।
उनकी आज की struggle ही उनका बेहतर भविष्य (bright future) तय करेगी। आज की गयी उनकी struggle से उनके अंदर ऐसी आदतें बन जाएँगी जो जीवन में किसी भी मोड़ पर परेशानी आने पर उन्हें हिम्मत (courage) देंगी और उन्हें solve भी कराएंगी।
तो आजकल आप जो भी कर रहे हैं, चाहें study कर रहे हों या गीत गाना सीख रहे हों, चाहे इंजीनियर बनना चाहते हो या अफसर बनना चाहते हो……… कुछ भी करना चाहते हो तो बस इतना कर लो कि आज संघर्ष (struggle) कर लो, आज मेहनत (Hard work) कर लो, आज अपनी जीवन ऊर्जा (life energy) का पूरा उपयोग कर लो, अगर आप ऐसा कर पाए तो आने वाला कल आपका होगा और सफलता आपके जीवन को सुगंधित कर रही होगी।
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Very good story
very good and inspirational story
Very nice story
Very useful tips ji. Aur yeh sahi bhi hai zindagi me safalta ke liye mehnat karte rahna chahiye.
अति उत्तम कहानी मै आपके सब पोस्ट पड़ता हूँ
जी मेरा नाम पवन किमनी है…मै उत्तराखंड से हूँ..
और मै GLAZE BUSINESS KARTA HU..मुझे आपकी कहानियाँ बहुत ही अच्छी लगती.है …मुझे इन कहानियो से प्रेरणा मिलती है
बहुत ही अच्छे , बहुत ही सुन्दर , मेहनत ही सफलता की सीढ़ी का रास्ता है।
अमुल सर ,सच मे आप मुझे अपनी पढाई लाईफ की याद दिलाई. मेरे बच्चोंको पढकर सुनाया और वह भी बहुतही प्रभावित हो चुके है. Very very Thank’s!!! Namaste.
Very good…..Student read karke apna aim jaan le…..isi uddeshya se yeh post likhi gai hai………
yah kahani har ek student ko padni chahiye
thanks for this great story
Sahi me sir, maja aagaya padh kar. ab main apne aapko motivate feel kar raha hu. Thanks ese hi likhte rahiye
Thanks Pardeep ji……yeh article motivate karne ke liye hi likha gaya hai…..mujhe khushi hai ki me aapko motivate kar saka………
बहुत ही उम्दा …. बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति … Thanks for sharing this!! 🙂 🙂
Nice motivating story.
main bilkul shamat hu is kahani ke nishkarsh se neev sabse jaruri hai. jitne majboot neev hogi utni he ache imarat banegi. thanks is prennadayak kahani ke liye
Dhanyavad Sumit ji……Majboot neev se hi Big Success milti hai……..
बहुत बढिया कहानी अमुल जी। नींव मजबुत होना बहुत जरुरी है। और सफलता की नीव कडी मेहनत में ही है।
Dhanyavad Jyoti ji……Neev majboot ho to success bhi badi milti hai……..
mehanat itna khamosi se karo ki saphta apki sor macha de
बहुत ही बढ़िया story लिखी अमूल ही आपने, इसीलिए तो कहते है मेहनत ही सफलता की सीढ़ी का रास्ता है। बाकी आजकल तो लिफ्ट भी आ चुकी है मेहनत की :)। पर सीढ़ी या लिफ्ट दोनों के लिए मेहनत तो जरूरी ही है इसलिए जिसने पहले ही struggle यानि की मेहनत करली उसे तो सफलता मिल ही जायेगी।
Dhanyavad Nikhil ji…..sahi kaha….jeevan me student life me mehnat bahut jaruri hai….Success ka Base to yahi se banta hai…..
Nice moral and message.. Main apni school life me apne doato se yahi kahta tha ki agr abhi mehnat nahi kari to fir poori zindagi karni padegi.. yahi wah chij thi jisse main apni padhai me behtar banta raha.
Great story.. i love it.
Sahi kaha Surendra ji….Agar school life me yeh baat samajh aa jaye to future bright ho hi jata hai……Dhanyavad!
Nice story Amul ji….
Nice Post
IT’S REALLY -REALLY WONDERFUL AND INSPIRATIONAL