Poem On Secret Of Success : सफलता का रहस्य सभी लोग जानना चाहते हैं और इसकी खोज में लोग न जाने क्या क्या करते हैं। सफलता का सबसे बड़ा रहस्य (Secret Of Success) यह कि सफलता का कोई रहस्य होता ही नहीं है।
ऐसा इसलिए क्योंकि सफलता एक खुली किताब जैसी चीज है जिसे कोई भी कभी भी पढ़ सकता है। सफलता की कोई स्पेशल भाषा नहीं होती और न ही उसका कोई स्पेशल रंग होता है।
सफलता के बारे में आप उसी भाषा में समझ सकते हैं जो भाषा आप जानते हैं। साथ ही सफलता का रंग वही है जो रंग आप उसे अपने परिश्रम से उसे देते हैं।
सफलता कोई रहस्य नहीं बल्कि आपके द्वारा किये गए प्रयासों का सकारात्मक फल है।
सफलता के कुछ नियम होते हैं। जो व्यक्ति इन नियमों का अपने जीवन में पालन करता है वह सफल हो जाता है और जो सफलता के नियमों का पालन नहीं करता, उससे सफलता बहुत दूर रहती है। बस इतनी ही सरल है सफलता।
दोस्तों, इसी बात को ध्यान में रखते हुए आज मैं सफलता के रहस्य से रिलेटेड एक हिंदी कविता (Hindi Poem about Secret Of Success) आपके लिए लेकर आया हूँ।
इस प्रेरक कविता (Motivational Poem) में आप जानेंगे कि किसी भी क्षेत्र में सफलता पाने के लिए आपको अपने अंदर छुपी हुई किन अच्छी शक्तियों (Inner Powers) को पहचान कर उनका प्रयोग करना है।
साथ ही आपको बताया गया है कि आप सफलता की कुंजी (Key To Success) की कौन कौन सी शक्तियां दुश्मन होती हैं।
सफलता की यह दुश्मन शक्तियां आप ही के अंदर मौजूद हैं, बस आपको उन्हें पहचान कर कुचल देना है।
सफलता की कुंजी (Key To Success) खोजते समय आपको कौन से जतन (प्रयास) करने होंगे और इन जतनों से आपको सफलता का रतन (मोती) कैसे मिलेगा।
यदि आप इस कविता (Poem on Key to Success in Hindi) को ध्यान से पढ़ेंगे तो आपको अपने सभी प्रश्नों के उत्तर मिल जायेंगे।
आइये इस बेहतरीन हिंदी कविता (Best Poem in Hindi) को पढ़ते हैं और सफलता का रहस्य (Success Secret) जानने की कोशिश करते हैं-
सफलता के रहस्य पर एक प्रेरणादायक कविता
Poem On Secret Of Success In Hindi
आजकल मैं पूछता हूं खुद से,
क्या है मेरी सफलता का राज,
कौन से किये जतन, कैसे निकाले रतन,
जिससे हुआ जीवन में ख़ुशी का आगाज।
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कभी लिया था एक संकल्प,
बचा न था कोई भी विकल्प,
आओ चलें सफलता के शिखर पर,
अपनी आत्म शक्ति के दम पर।
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सबसे पहले बना एक सुपर प्लान,
फर्श से अर्श तक पहुंचने का किया एलान,
रास्ता तैयार था, पहुंचना था उस पार,
पर कुछ बाधाएं सीना ताने खड़ी थीं इस पार।
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आजकल मैं पूछता हूं खुद से,
क्या है मेरी सफलता का राज,
कौन से किये जतन, कैसे निकाले रतन,
जिससे हुआ जीवन में ख़ुशी का आगाज।
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बाधाओं को सोचा, समझा फिर किया प्रहार,
सबसे पहले आलस्य का मिटा दिया संसार,
टालमटोल ने सर उठाया और भरी हुंकार,
इच्छाशक्ति के बल पर किया उसका अंतिम संस्कार।
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लक्ष्य आंखों में लिए, चले हम सीना तान,
सफलता का जूनून कर रहा था हैरान,
आत्मविश्वास के फूलों से रास्ता हुआ आसान,
लगातार चलने के मंत्र से मिटा हर शंका का निशान।
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आजकल मैं पूछता हूं खुद से,
क्या है मेरी सफलता का राज,
कौन से किये जतन, कैसे निकाले रतन,
जिससे हुआ जीवन में ख़ुशी का आगाज।
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रास्तों में से रास्ते निकलते चले गए,
हम आगे बढ़े रहे और बढ़ते चले गए,
परिश्रम की मशाल लिए सही दिशा चुनते गए,
मंजिल मिली, खुशियां भी मिलीं,
बस हम हर उलझन बुनते चले गए।
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सुनों! यह रास्ता नहीं था इतना आसान,
युद्ध हुए बीच में बहुत से घमासान,
परिस्थितियों के रोका, विरोधियों ने टोका,
पर जाने न दिया हमने सफलता का मौका।
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आजकल मैं पूछता हूं खुद से,
क्या है मेरी सफलता का राज,
कौन से किये जतन, कैसे निकाले रतन,
जिससे हुआ जीवन में ख़ुशी का आगाज।
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Bahut Badhiya Poem Hai Amul Sir
Sach m mitra aapne yeh bahot acchi kavita likhi hai. Mujhe personally bahot acchi lagi. Isko corelate bhi kar sakta hun.
Ek choti si kavita kehta hun sirf 2 lines ki hi hai –
Jindagi yuhi hume chunoti nahi deti ..
chunoti yunhi hame manzil nahi deti hai ..
bus yeto sarparasti hai hamare jajbo main warna …
hamari khwahishe to sirf hamare liye hi thi …
Nice poem sir ,is poem ka har paragraph life me safal hone ke liye jo chije hume Karni pdhti hai uske baare me btata hai .Thanks for sharing
Nirantar prayas karte rahna hi safalata ki ek matr kunji hai bahut aacha likha hai aapne Amul sir