Best Poem On Mother In Hindi माँ पर हिंदी कविता

माँ पर कविता (Poem on Mother) लिखने पर मुझे आज जो सुकून और आनंद महसूस हो रहा है वह शायद पहले कभी नहीं हुआ। माँ एक ऐसा शब्द है जिसे बोलते ही सारी कायनात मुस्कुरा उठती है। माँ की ममता जहाँ पर मौजूद हो वहां फूल ही फूल खिल उठते हैं।

किसी ने माँ को खुशियों की खान कहा है तो किसी ने माँ को इस दुनिया में मौजूद खुदा कहा है। कुछ भी हो माँ से बढ़कर इस दुनिया में शायद ही कुछ और होता है।

poem on mother in hindi
Poem On Mother

कितना भी बड़ा राजनेता हो या कितना भी बड़ा बिजनेसमैन हो, चाहें कितना भी बड़ा दानी हो या कितना भी बड़ा लुटेरा हो, माँ के आगे सभी नस्मस्तक हो जाते हैं।

आपने कभी महसूस किया है कि इस दुनिया में केवल माँ ही है जो अपने बच्चे के दर्द को उसके बिना कहे पहचान लेती है। उसके बच्चे को कब और किस चीज की जरुरत है यह केवल माँ ही पहचान पाती है। शायद यह सब आप सभी ने भी महसूस किया होगा।

माँ का स्पर्श किसी दवा से कम नहीं होता। जब माँ सर पर हाथ फेरती है न, तो सभी दुःख और सभी संताप दूर हो जाते हैं।

स्वर्ग के बारे में तो सभी ने सुना है लेकिन यदि उसे जीवित रहते देखना भी चाहते हो तो वह आपको माँ के चरणों में या माँ के आँचल में मिलेगा।

मैं कितना भी माँ की महिमा (Maa par Kavita) गा लूँ लेकिन माँ को पूरी तरह वर्णित नहीं कर सकता।

दोस्तों, आज मैं आपको माँ पर कविता  (Poem on Mother in Hindi) बताने जा रहा हूँ। यह “Poem on Maa in Hindi आपको यह सोचने पर मजबूर कर देगी कि माँ है तो सब कुछ है यदि वह न होती तो दुनियां कितनी बेरंग होती।

कृपया इन “Mothers Day Poems” को बहुत ध्यान से एक बार जरूर पढ़िए, यदि आप इन “Mothers Day Poems In Hindi” को धीरे धीरे और बहुत ध्यान से पढ़ते हैं तो मेरा वादा है की आपकी आंखों में आँसू जरूर झलक आएंगे–

चोट लगें जब, होठों पे ‘माँ’ शब्द आता है

Best Poem On Mother In Hindi

चोट लगें जब, होठों पे ‘माँ’ शब्द आता है,
माँ की दुआओं से मुकद्दर संवर जाता है.
 
जब मैंने अपनी आंखें खोली,
खुद को तुझमें सिमटा पाया माँ,
जब जब रुलाया दुनिया ने,
चुप होके तुझसे लिपटा पाया माँ.
मैं आज भी रोना चाहता हूँ,
मुझे अपने दामन में छिपा लो माँ,
बड़ा परेशान हूँ भागदौड़ की जिंदगी से,
मुझे लोरी सुनाकर फिर से सुला दो माँ.
बेमनी दफतरी जिंदगी में
कहीं खोकर रह गया हूं मैं,
मुझे फिर से गले लगा लो
लगता है, बहक गया हूं मैं माँ.
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चोट लगें जब, होठों पे ‘माँ’ शब्द आता है,
माँ की दुआओं से मुकद्दर संवर जाता है.
 
भूख मिटती कहाँ है आजकल,
मैं बस पेट भरने के लिए खाता जाता हूँ माँ.
रोटी में सब्जी लपेट कर दे दो,
तेरे हाथ से खाने को तरस जाता हूँ माँ. 
जब कल पुराना एल्बम निकाला,
हर तस्वीर में मेरे साथ तू खड़ी है माँ.
एक बार जब टीचर ने मुझे मारा था,
मेरे लिए स्कूल के प्रिंसिपल से लड़ी है माँ.
कल जिस तरह तू मेरी हर तस्वीर में साथ थी,
आज मैं तेरी हर सेल्फी में रहूँ, मेरी ऐसी इच्छा है माँ,
कल जिस तरह तू मेरी हर दवा दुआ में थी,
आज मैं तेरी हर दवा दुआ में रहूं, मेरी ऐसी इच्छा है माँ.
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चोट लगें जब, होठों पे ‘माँ’ शब्द आता है,
माँ की दुआओं से मुकद्दर संवर जाता हैं.
 
तुमसे दूर, शहर में रहना मुझे,
बिलकुल अच्छा नहीं लगता है माँ,
केवल वीडियो काॅलिंग से बातें कहना,
अब अच्छा नहीं लगता है माँ.
हो सकें तो मेरे पास शहर में आ जाओ,
नहीं तो सब कुछ छोड़ मैं आ जा रहा हूँ माँ.
बहुत कर ली नौकरी इस भीड़ भरे शहर की,
अब तो मैं बस तेरे साथ रहना चाह रहा हूँ माँ.
आज भले ही मैं बहुत बड़ा हो गया हूँ,
पर तेरे लिए तो मैं तेरा बच्चा हूँ माँ.
लोग कहते है कि मेरी माँ अब बूढ़ी हो गई है,
लेकिन तू मेरे लिए पहले से ज्यादा जरुरी हो गई है माँ.
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चोट लगें जब, होठों पे ‘माँ’ शब्द आता है,
माँ की दुआओं से मुकद्दर संवर जाता हैं.
 
मैं लोरी गाऊंगा, तू सो जाना, नींद तुझे आ जाएगी,
तू मुझे वादा कर, अब कभी नींद की गोली ना खाएगी माँ.
तेरे उपकारों का हक मुझसे अदा क्या होगा,
जो कर सकता हूँ उतना तो कर लेने दे माँ,
सच्ची! तुम्हारी वजह तकलीफ नही है मुझे,
तो क्यों कह रही हो, मुझे छोड़ दें, मुझे मरने दें.
अपनी जिंदगी से तूने मुझे जिंदगी दी है,
दुनिया परायी, तुम मेरी अपनी सी हो माँ.
मैं बहुतेरे बार तेरी गोद में सर रख के सोया हूँ,
आज तू मेरी गोद में सर रख कर सो ले माँ.
मैंने अपना दर्द तुझसे बांटकर बहुत रोया हूँ,
मुझसे भी तो अपना दर्द बांट, तू भी रो लें माँ.
 
चोट लगें जब, होठों पे ‘माँ’ शब्द आता है,
माँ की दुआओं से मुकद्दर संवर जाता है।
 

सबसे ऊँची शख्सियत माँ है

Best Mothers Day Poem In Hindi

सबसे ऊँची शख्सियत माँ है,
माँ के बिना ये दुनिया कहां है.
 
मेरी दुनिया सिमटी है तेरे आंचल में,
मेरा जीवन तेरे आंचल जितना लम्बा है.
 
“भूख नहीं है तू ही खा लें” कहती है,
जब देेखती है रसोई में केवल दो रोटियां है.
 
आ माँ एक मैं खा लूं, एक तू खा ले,
बेटा कैसे खा सकें, जब भूखी माँ है.
 
सबसे ऊँची शख्सियत माँ है,
माँ के बिना ये दुनिया कहां है.
 
मेरी पहली धड़कन तेरी ईनायत है,
तू पास नहीं मेरे, बस यही शिकायत है.
 
जो सुकून तेरे गोद में है, वह इस दुनिया में कहाँ है 
मेरे लिए पहले तू है माँ, बाद में बाकी जहां है.
 
किस काम की है वो सफलता जो हमें जुदा करे,
माँ तेरे लिए तो दुनिया की सारी दौलत कुर्बां है.
 
सबसे ऊँची शख्सियत माँ है,
माँ के बिना ये दुनिया कहां है.
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By- Raj Kumar Yadav

Email : [email protected]

माँ पर कविता (Poem On Mother In Hindi) यह कविता (Maa Poetry In Hindi) हमें राज कुमार यादव जी ने भेजी है जो गोपालगंज, बिहार से हैं। राज जी को कवितायेँ लिखने का बहुत शौक है। राज कुमार जी का बहुत बहुत धन्यवाद ! हम राज कुमार जी को उनके बेहतर भविष्य के लिए शुभकामनायें देते है।

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