बच्चों के लिए कविता (Poems For Children) लिखना एक ऐसा एहसास है जिसमे ऐसा लगता है जैसे हम खुद अपने बचपन (Childhood) में लौट आये हैं। बचपन की कितनी अच्छी सोच थी, सब हमारे दोस्त थे और हम भी सबके दोस्त थे।
घर की छत पर जब चिड़ियाँ चहचहाती थीं तो लगता था मानो वह हमसे मिलने आयी हैं। जब वो आँगन में आतीं तो हम उन्हें दाना डालते और वो खाती थीं। कभी कभी खाते खाते हमारे बहुत निकट आ जाती थीं और जब हम उन्हें पकड़ते तो फुर्र से उड़ जाती थीं।
लेकिन आजकल बंद घरों में और बढ़ते प्रदूषण में वो चिड़ियाँ (Birds) कहीं खो गयी हैं। कोई बात नहीं घर के आँगन में न सही तो बच्चों आप उन्हें हिंदी कविताओं (Hindi Poem For Children) में चहकते, कूदते और दाना खाते एहसास कर सकते हो।
आओ बच्चो, अब अपने चंदा मामा के घर चलते हैं। बचपन में जब सब खुले आसमान के नीचे सोते थे। तब नजरों के सामने केवल चांद और तारे ही सफलता का एहसास दिलाते थे। जिद होती होती है बच्चों की कि उन्हें चांद मामा के घर जाना है।
नीचे के दोस्त अब कम रह गए, तारों को दोस्त बनाना है। यहाँ तो कुछ सफेद नहीं रहा लेकिन वहां चारों तरफ बिखरी हुई सफेद रोशनी में खेलना है। खेलते खेलते भूख लगे तो मामा (Moon) से कह देना है। (Poems For Children)
आज हम सब कमरों में सोते हैं, चांद और तारे पता नहीं कब निकलते और छिप जाते हैं। आओ बच्चो, हिंदी कविता (Poem On Children In Hindi) गाकर चांद पर चलते हैं और वहां के दोस्तों से मिलते और बात करते हैं।
तो आज मैं बच्चों के लिए कविताएं (Poem For Children In Hindi) बताने जा रहा हूँ। कृपया आप इन “Poem About Children” को बहुत ध्यान से पढ़िए और उनमे खो जाइये–
बच्चों के लिए कविता
Poem For Children In Hindi
पापा मुझे रॉकेट दिला दो,
मुझको चांद पर जाना है,
चांद मेरा मामा है,
मामा के घर जाना है।
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दादी कहती है आकाश में,
सुन्दर पारियों का ठिकाना है,
नाना-नानी भगवान जी के पास,
नाना-नानी से बतियाना है।
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पापा मुझे रॉकेट दिला दो,
तारों के सैर पर जाना है,
सितारों से मेरी दोस्ती है,
अपने दोस्त के घर जाना है।
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हजारों तक तारे गिन चुका हूँ,
सितारों से अंगुली गिनवाना है,
इन तारों में कोई ‘जादू’ हो तो,
‘जादू’ को अपने घर लाना है।
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पापा मुझे रॉकेट दिला दो,
मुझे चांद से मिलना है,
उसकी सफ़ेद रौशनी में,
नाचना और नचाना है।
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पापा मुझे रॉकेट दिला दो,
मुझको चांद पर जाना है।
बच्चों के लिए कविता
Poem For Children In Hindi
मम्मी उस चिड़िया को बुलाओ ना,
जो रोज सुबह में आती थी,
चावल दाना खाती थी,
लेकिन अब क्यों नहीं आती?
चावल दाना क्यों नहीं खाती?
उसकी याद सताती है,
वो चिड़िया याद आती है।
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मम्मी उस चिड़िया को बुलाओ ना,
जो अपने छत पे बैठती थी,
कभी टहलती, कभी उड़ती थी,
साथ में नन्ही चिड़िया लाती,
अपने चोंच से उसे खिलाती,
अब चिड़िया क्यों नहीं आती?
नन्ही चिड़िया क्यों नहीं लाती?
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मम्मी उस चिड़िया को बुलाओ ना,
जो अपने आँगन में नाचती थी,
कभी दाना खाती, कभी पानी पीती,
जब हम जाते उसके पास,
हमें देख फुर्र से उड़ जाती थी।
वो चिड़िया अब कहाँ जाती है?
अब दाना देख क्यों नहीं आती है?
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बच्चों के लिए और कविताएं आप यहाँ पर पढ़ें–
Short Poems For Kids In Hindi | बच्चों की कविताएं
By- Raj Kumar Yadav
Email : [email protected]
बच्चों के लिए कविता (Poem For Children In Hindi), यह कविता हमें राज कुमार यादव जी ने भेजी है जो गोपालगंज, बिहार से हैं। राज जी को कवितायेँ लिखने का बहुत शौक है। राज कुमार जी का बहुत बहुत धन्यवाद ! हम राज कुमार जी को उनके बेहतर भविष्य के लिए शुभकामनायें देते है।
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nice post bhai
nyc post raj bhai