समस्या है तो समाधान भी है!
Motivational Story in Hindi
Best Motivational Story In Hindi : बहुत समय पहले भारत के एक नगर में एक राजा राज्य करता था। वह बहुत अनुशासन प्रिय राजा था।
उसके राज्य करने का तरीका ऐसा था कि राज्य के किसी भी व्यक्ति की उसके खिलाफ षड़यंत्र करने ही हिम्मत नहीं होती थी।
उस राजा के तीन बेटे थे–सोमदत्त, वीरदत्त और कमलदत्त। जब राजा की मृत्यु हुई तब उसका सबसे बड़ा बेटा सोमदत्त राजा बना
सोमदत्त स्वभाव से दयालु था जिसके कारण उसने अपने पिता के बनाए नियमों में परिवर्तन करके उन्हें सरल बना दिया था।
उसकी इसी बात का फायदा उठाकर कुछ चालाक दरबारी अपनी मनमानी करने लगे और राजा के खिलाफ षड़यंत्र की योजना बनाने लगे।
राजा के महल में एक नौकर था। उसने राजा को इस बारे में बताया लेकिन राजा ने उसकी बातों पर ध्यान नहीं दिया।
एक दिन चालक दरबारियों ने राजमहल के रसोइये के साथ मिलकर राजा के खाने में जहर मिला दिया। राजा की तबीयत बिगड़ने पर चिकित्सक को बुलाया गया।
चालाक दरबारियों ने सोने की मुहरें देकर उसे अपनी तरफ मिला लिया। अब चिकित्सक बिना इलाज किये वहां से चला गया। राजा की मृत्यु हो गई।
अब सोमदत्त की जगह वीरदत्त को राजा बनाया गया।
चालाक दरबारियों की यह योजना सफल होने के कारण राज्य के बहुत से दरबारी, मंत्री, सेनापति आदि भी अपनी मनमानी करने लगे।
यह सभी लोग वीरदत्त के लिए बहुत बड़ी समस्या बन गए थे।
यह लोग मिलकर कभी भी वीरदत्त के खिलाफ षड़यंत्र बनाकर उसके बड़े भाई सोमदत्त की तरह उसे भी षड़यंत्र का शिकार बना सकते थे।
वीरदत्त बहुत परेशान रहने लगा। उसे इस समस्या का कोई हल नहीं मिल रहा था।
महल में रहने वाले उसी नौकर ने जिसने सोमदत्त को षड़यंत्र के बारे में बताया था, जब वीरदत्त को परेशान देखा तो उसने उससे कहा, “महाराज, यदि आप कहें तो मैं आपको इस समस्या का समाधान बता सकता हूँ।”
वीरदत्त ने अपने इस नौकर की बातों पर कोई भी ध्यान नहीं दिया और उस नौकर से कहा, “जब मैं और मेरे खास गुप्तचर इस समस्या का कोई हल नहीं सोच पा रहे हैं तो तुम तो एक नौकर हो।” इतनी बात कहकर राजा अपने दरबार में चला गया।
वीरदत्त ने कुछ कठोर नियम व कानून भी बनाये लेकिन कुछ फायदा नहीं हुआ बल्कि दरबारी, मंत्री, सेनापति आदि राजा द्वारा बनाए गए कठोर नियमों की वजह से उससे चिढ़ने लगे क्योकि यह कठोर नियम उन्हें राज्य में उनकी मनमानी करने से रोकने के लिए बनाए गए थे।
कुछ ही दिनों में वीरदत्त के सेनापति ने राजा के कुछ खास गुप्तचरों से मिलकर एक षड़यंत्र बनाया।
एक दिन सेनापति राजा को लेकर शिकार करने जंगल में गया। वहां शिकार करते समय राजा को जंगल में ऐसी जगह अकेले छोड़ दिया गया जहाँ खूंखार जंगली लोग रहते थे।
जंगली लोगों ने राजा को अकेला देखकर हमला कर दिया और उसे मार डाला।
सेनापति और गुप्तचरों ने राजदरबार में आकर एक झूठी कहानी सुना दी जिससे राजपरिवार को यह विश्वास हो जाए कि उनकी बहुत कोशिशों के बाद भी वह राजा को नहीं बचा सके।
अब वीरदत्त की जगह उसके छोटे भाई कमलदत्त को राजा बनाया गया।
अब कमलदत्त के सामने भी वही समस्याएं खड़ी थीं जो वीरदत्त के सामने थीं।
राजमहल के अधिकतर कर्मचारी अपनी मनमानी में लग गए। कमलदत्त हमेशा षड्यंत्रकारियों से बचाव और कुशलतापूर्वक राज्य को चलाने के उपाय सोचता रहता था।
अब तो वह राजमहल के किसी भी बड़े कर्मचारी पर विश्वास नहीं सकता था।
राजा यदि अपने इन बड़े दरबारियों पर कुछ कठोर कार्यवाही करता तो यह दरबारी राजा के खिलाफ षड़यंत्र करके उसका जीवन ही समाप्त कर देते थे और यदि राजा कोई कार्यवाही नहीं करता था तो यह कर्मचारी अपनी मनमानी करके राज्य को बहुत नुकसान पहुंचा रहे थे।
अपनी इस समस्या के चलते कमलदत्त को यह लगने लगा था कि शायद इस समस्या का कोई समाधान नहीं है और अब उसे समस्याओं के साथ ऐसे ही राज्य करना होगा।
उसने इस बड़ी समस्या के समाधान को अब अपने भाग्य पर छोड़ दिया।
राजमहल में रहने वाला वही नौकर कमलदत्त की इस परेशानी को देखकर उसके पास गया और बोला, “महाराज यदि आप आज्ञा दें तो मैं आपकी इस समस्या का उचित समाधान बता सकता हूँ।”
राजा ने उस सैनिक की तरफ तरफ देखा और कहा, “जब पूरा राजपरिवार इस समस्या का हल नहीं खोज पा रहा है तो तुम एक नौकर होकर क्या समाधान दे सकते हो।”
तभी राजा के पास खड़ी रानी ने राजा से कहा, “महाराज, मुझे लगता है कि एक बार इस नौकर की बात सुन लेने में कोई भी नुकसान नहीं है। क्या पता यह कुछ ऐसा बता दे जो हमारे काम आ जाये।”
राजा ने कुछ सोचा और नौकर से बोला, “बताओ तुम क्या बताना चाहते हो?”
तभी नौकर बोला, “महाराज इस समस्या का समाधान बहुत सरल है। दरबारी राजा को इसीलिए मार देते हैं क्योकि राजा के मरने से उन्हें लाभ होता है। यदि कुछ ऐसा कर दिया जाये कि राजा पर संकट आने पर उन पर भी संकट आ जाये तो इस समस्या का समाधान हो जायेगा।”
राजा को नौकर की यह बात अच्छी लगी।
तब राजा बोला, “ऐसा क्या किया जाये जिससे राजा पर आने वाला संकट षड्यंत्रकारियों के लिए भी संकट बन जाये?”
नौकर बोला, “यदि आप यह घोषणा करवा दें कि जब भी इस राज्य के राजा की मृत्यु होगी तो उसकी चिता के साथ राज्य के सभी दरबारी, मंत्री, सेनापति तथा रसोइया को जला दिया जायेगा।
इसका परिणाम यह होगा कि आप जब तक चाहें राजा बनें रह सकते हैं और उसके बाद आप अपने उत्तराधिकारी को राजा बना सकते हैं। यह षड्यंत्रकारी आपको कोई हानि नहीं पहुंचा पायेंगे।”
राजा को यह बात बहुत अच्छी लगी और उसने उसी दिन पूरे राज्य में यह घोषणा करवा दी।
इस घोषणा को सुनकर सभी षड्यंत्रकारियों में खलबली मच गई।
दूसरे ही दिन राजा ने कई ऐसे नियम बना दिए जिससे राज्य को कोई भी षड्यंत्रकारी नुकसान न पहुंचा सके।
अब तो राजा की समस्या का समाधान हो गया।
सभी दरबारी, मंत्री, सेनापति तथा रसोइया आदि राजा की सेवा में लग गए। राजा ने खुश होकर उस नौकर को अपना विशेष सलाहकार बना लिया।
भविष्य में उस राज्य और उसके राजा को कभी कोई नुकसान नहीं हुआ।
इस कहानी से आपने क्या सीखा?
Moral Of This Motivational Story in Hindi
हम इस मोटिवेशनल स्टोरी (Motivational Story In Hindi) से बहुत कुछ सीख सकते हैं–
1- कहानी में राजा को अपनी समस्या का कोई समाधान नहीं सूझ रहा था। कमलदत्त ने तो यह तक सोच लिया था कि इस समस्या का कोई समाधान हो ही नहीं सकता।
यही सोचकर वह इस समस्या के साथ ही जीवन जीना चाहता था जबकि उसे पता था कि षड्यंत्रकारी कभी भी उससे नाराज होकर उसकी जीवन लीला समाप्त कर सकते थे।
अर्थात उसने समस्याओं के साथ एक डर भरा जीवन जीने का निर्णय ले लिया था क्योकि उसने यह सोच लिया था कि उसकी इस समस्या का कोई हल शायद किसी के पास नहीं है।
दोस्तों! ऐसा ही हम में से बहुत से लोगों के साथ होता है। Life में बहुत सी ऐसी Problems सामने आती हैं जिन्हें Solve करने की हम बहुत कोशिश करते हैं लेकिन बाद में हार मानकर उसे अपना भाग्य मान लेते हैं।
Problem का Solution न होने पर लोग अपना Career खराब कर लेते हैं।
अपना जीवन समस्या के साथ ही जीने की Habit बना लेते हैं और पूरे जीवन अपने भाग्य (Luck) को ही कोसते रहते हैं।
Solution न मिलने के कारण लोग आत्महत्या (Suicide) तक कर लेते हैं।
जबकि यह बात सत्य है कि दुनिया की प्रत्येक समस्या का कम से कम एक समाधान जरूर होता है क्योकि समस्या आती ही अपने समाधान के साथ में है।
बस होता यह है कि हम अपनी समस्या से इतने परेशान हो जाते हैं कि हमें उसके साथ में मौजूद समाधान दिखाई नहीं देता है।
जब भी कोई समस्या आये तो लोग समस्या पर फोकस करने लगते हैं, जो कि गलत है। उन्हें अपना फोकस समस्या के समाधान पर लगाना चाहिए। ऐसा इसलिए क्योंकि प्रत्येक समस्या का एक समाधान जरूर होता है।
यदि खुद पर विश्वास (Self confidence) रखा जाए और लोगों से उचित सलाह (Advice) ली जाए तो प्रत्येक समस्या का समाधान मौजूद है।
प्रसिद्द सुविचारक चाणक्य ने ठीक ही कहा है कि “क्रोध से समस्या का समाधान नही होता, शांत मन हर समस्या का समाधान ढूँढ सकता है।”
2- इस Motivational Story In Hindi में एक नौकर बार-बार राजा को बताता है कि वह समस्या का हल बता सकता है लेकिन राजा उसकी बात केवल इसीलिए नहीं सुनता क्योकि वह एक नौकर है और एक नौकर को इतनी बड़ी समस्या का समाधान कैसे पता हो सकता है।
लेकिन समाधान उसी के पास था और जब उसकी बात सुनी गयी तो इतनी बड़ी समस्या का हल बड़ी आसानी से निकल आया।
दोस्तों! बहुत से लोग भी ऐसा करते हैं कि खुद की Ego के सामने दूसरे लोगों को बहुत छोटा समझते हैं।
Knowledge, Intelligence और Ability ईश्वर के दिए हुए ऐसे वरदान (God gift) हैं जो छोटे और बड़े का भेद नहीं करते बल्कि हमें यह बताते हैं कि दुनिया का कोई भी व्यक्ति यदि ठान ले कि उसे सफल (Success) होना है तो उसे कोई रोक नहीं सकता।
ऐसे हजारों उदाहरण मौजूद हैं जो हमें यह बताते हैं कि ऐसे व्यक्ति जिन्हें छोटा और अयोग्य समझा गया लेकिन वह
अपनी Knowledge, Intelligence और Ability के दम पर आज एक सफल इंसान (Successful person) के रूप में एक हीरे की तरह अपनी चमक बिखेर रहे हैं।
अतः किसी को छोटा या अयोग्य समझकर उसे Ignore न करें, ऐसा भी हो सकता है कि उसका बताया गया एक शब्द आपके जीवन की दिशा (Life direction) को ही बदल दे।
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very nice story keep up the good work
Amul sharma g aapki yah lekh bahut hi pyaari lagi aage bhi isi tarah kilekh likhte rahna
अमूल जी, लेख अच्छा है |
I read the complete story shared here, the story is very motivational and helpful.
I like the story very much.
Nice Story, I Like it.
agar kisi ke pass problem aati hai to iska matlab hot ahai ki wo problem ke kabil hai aur wo apna solution kar sakta hai.problem jhel kar jo aage niklta hai.wahi succcess ho pata hai.aur unfortunalty aise log bahut kam hote hai.kai baar log nirash ho jate hai.
Very nice sir ….
MIND BLOWING STORY,REALLY SAID PROBLEM COME WITH OWN SOLUTION
Very Inspirational Line ”Every Problem has Solution” bilkul Sahi Agreed.
Thanks Mahendra ji…..connect with “AapkiSafalta”……..
Very Nice Vilas Ji.. Thanks for share
Thanks Mahaveer ji…..sir aapki jankari ke liye bata du ki mera name Amul Sharma hai….. 🙂
nice thoughs
nice click…..
i got it…
Thanks Vilas ji……
बहुत ही सुंदर और प्रेरणादायी कहानी। मुझे बहुत ही अच्छी लगी। सच ही तो है कि यदि समस्याएं हैं तो उनका हल भी है। बस जरूरत है, समस्याओं का हल खोजने का प्रयास करने का।
जमशेद जी……आपका बहुत धन्यवाद!
कहानी अच्छी है 🙂 अच्छी तरह से समझाई गई है ।
लेकिन एक बात बताएं, चार पीढ़ी तक एक नौकर?
वो इंसान था या बेताल? 🙂 😉
हा हा हा…… बात तो आपने सही सोची है। वैसे मैंने यह कहानी इससे जुड़ी मोरल को समझाने के लिए लिखी है। लेकिन आपको बता दूँ कि इंडियन हिस्ट्री में एक ऐसे कवि थे जिन्होंने सात सुल्तानों का शासनकाल देखा था, उनका नाम था– अमीर खुसरो। जब रियल लाइफ में ऐसा हो सकता तो मोरल समझाने के लिए चार राजा तो हो ही सकते हैं। आप ही बताइए???
नहीं सर, अमीर खुसरो ने पीढ़ी दर पीढ़ी एक ही राजा का शासनकाल नहीं देखा था। वो अलग-अलग उम्र, प्रदेश और देशों के राजाओं के यहां रहे। यानि कभी कहीं तो कभी कोई उन्हें अपने साथ ले गया।
इस कहानी में एक नौकर चार पीढ़ियों में रहा, ये बात अजीब लगी।
वैसे कहानियों में तो कुछ भी हो सकता हैं बस निष्कर्ष शिक्षाप्रद होना चाहिए।
मनीषा जी….. आपकी बात सही है कि अमीर खुसरो कई जगह रहे लेकिन उन्होंने भारत के सात सुल्तानों का शासनकाल देखा था। कोई बात नहीं, इस बात पर यहीं विराम देते हैं। हमारे लिए हमारे रीडर बहुत महत्वपूर्ण हैं। यदि आपको लगता है कि कहानी में कुछ अजीब है तो कहानी में कुछ बदलाव करके दोबारा पोस्ट कर दिया गया है। अब आशा करता हूँ कि कहानी आपको पसंद आएगी। आप "AapkiSafalta" से जुड़े रहें।
Nice read!
Thanks Archana ji…….
bahut achhi kahani hai amul ji. padhkar bahut achha lga.
Dhanyavad Sandeep ji…..aap AapkiSafalta se jude rahen……